कितने सुंदर आंख मिली है दर्शन तक न करे बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
कितने सुंदर कान दिए हैं सत्संग तक न सुनो बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
कितनी सुंदर जिव्हा दी है सुमिरन तक न करो बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
कितने सुंदर हाथ दिए हैं दान तक न किया बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
कितने सुंदर पैर दिए हैं मंदिर तक न गई बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
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