माथे पे चंद्रमा सोहे गले में सर्पों की माला
लटों में बह रही गंगा, नहा लो जिसका दिल चाहे
हमारे भोले बाबा कि मना लो जिसका दिल चाहे
भोले ने अंग भाभूती लगाई है, कमर में मृगछाला है
हाथ में डम डमा डमरू बजा लो जिसका दिल चाहे
हमारे भोले बाबा कि मना लो जिसका दिल चाहे
भोले की नन्दी की सवारी बगल में गौरा महतारी
गोद में गणपति लाला खिला लो जिसका दिल चाहे
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