Wednesday, June 30, 2021

जीवन बिताया पिया - Jeevan Bitaya Piya - LYRICS-

जीवन बिताया पिया तेरे संग में 
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में

इस सत्संग में मीराबाई आवे 
मीराबाई आवे हरि के गुण गावे
अमृत बनाया पिया पल भर में
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में


इस सत्संग में द्रौपदी आवैं
द्रौपदी आवैं हरि के गुण गावे
चीर बढ़ाया पिया पल भर में
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में


इस सत्संग में प्रहलाद आवे
प्रहलाद आवैं हरि के गुण गावे
प्राण बचाए पिया पल भर में
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में


इस सत्संग में शबरी आवैं 
शबरी आवे हरि के गुण गावे
पार उतारी पिया पल भर में
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में


इस सत्संग में नरसी आवे
नरसी आवे हरि के गुण गावे
भात भराया पिया पल भर में
जाऊंगी गुरु जी के सत्संग में

मेरे अंगना में तुलसी खड़ी - Mere Angna Me Tulsi Khadi - LYRICS-

मेरे अंगना में तुलसी खड़ी कान्हा जी को प्यारी लगीं

कहो तो तुलसी तुम्हें टीका बनवा दूं राधाजी देख चलीं
कान्हा जी को प्यारी लगीं
मेरे अंगना में तुलसी खड़ी कान्हा जी को प्यारी लगीं

कहो तो तुलसी तुम्हें हरवा बनवा दूं राधाजी देख चलीं
कान्हा जी प्यारी लगी
मेरे अंगना में तुलसी खड़ी कान्हा जी को प्यारी लगीं 

इसी तरह से आगे भजन बढ़ाना है

Tuesday, June 29, 2021

मेरी शेरावाली मां - Meri Sheravaali Maa - LYRICS-

मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना
बुढ़ापा मुझे मत देना बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

बेटा मेरा पैसे वाला कभी न पूछे मेरा हाल
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

बेटी तो मेरी गई सासरे कभी न करती बात
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

बड़े शौक से बहू मैं लाई वो भी न माने मेरी बात
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

कौड़ी कौड़ी मैया जोड़ी कुछ भी न आया मेरे हाथ
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

चुन चुन कंकड़ महल बनाए कौने में पड़ी मेरी खाट
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

मैया मुझे गर देना बुढ़ापा भजन करूं दिन रात
बुढ़ापा मुझे मत देना
मेरी शेरावाली मां बुढ़ापा मुझे मत देना

मैंने राम का मंदिर देख लिया -Maine Ram Ka Mandir Dekh Liya - LYRICS-

मैंने राम का मंदिर देख लिया अब श्याम का मंदिर देखेंगे
हम आ ही गए तेरी काशी में विश्वनाथ के दर्शन कर लेंगे

केवट ने कहा रघुराई से मैंने चरणों का जादू देख लिया
मैंने चरणों का जादू देख लिया अब चरण धुला कर देखेंगे
मैंने राम का मंदिर देख लिया अब श्याम का मंदिर देखेंगे

मीरा ने कहा गिरधर से मैंने जहर का प्याला देख लिया
मैंने जहर का प्याला देख लिया अब अमृत का प्याला देखेंगे
मैंने राम का मंदिर देख लिया अब श्याम का मंदिर देखेंगे

द्रौपदी ने कहा श्यामसुंदर से मैंने चीर चुराना देख लिया 
मैंने चीर चुराना देख लिया अब चीर बढ़ाना देखेंगे
मैंने राम का मंदिर देख लिया अब श्याम का मंदिर देखेंगे
हम आ ही गए तेरी काशी में विश्वनाथ के दर्शन कर लेंगे

Saturday, June 26, 2021

वृंदावन जाने को जी चाहता है - Vrindavan Jaane Ko Jee Chahta Hai - LYRICS-

वृंदावन जाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के काले काले बाल हैं
चोटी बनाने को जी चाहता है
जूडा बनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के मोए मोटे नैन हैं 
काजल लगाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के पतले होंठ हैं
लाली लगाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के छोटे छोटे हाथ हैं
कंगना पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के छोटे छोटे पैर हैं
घुंघरू पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा का श्यामल सा अंग है
पीताम्बर पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

अरे नर काहे पे करत गुमान - Are Nar Kaahe Pe Karat Gumaan - LYRICS-

अरे नर काहे पे करत गुमान 
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भए अर्जुन वाणाधारी रथ को हांक रहे बनवारी
अरे उनके खाली न जाएं वाण
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भयो रावण सो ये बलवंत जिसकी सारी सोने की लंका 
कर दिए देवन के अपमान
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भए पितामह भीष्म बलशाली जाके मौत पास नहीं आती
अरे तीरन पे करें विश्राम
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

वो बाली भयो बलशाली किस्किंधा राज वाको भारी
अरे वाय मारें प्रभु श्री राम
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

Thursday, June 24, 2021

कान्हा तू गोकुल जइयो - Kanha Tu Gokul Jaiyo - LYRICS-

कान्हा तू गोकुल कुं चलो जइयो वहां से दहिया लईयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे


कान्हा मथुरा कुं चली जईयो वहां से पेडा लियो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे


कान्हा वृंदावन चलो जइयो वहां से माखन लाईयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे

कान्हा तू दाऊजी चलो जइयो वहां से मिश्री लाइयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे

कान्हा गोवर्धन चलो जइयो वहां से माला लियो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे