Tuesday, May 31, 2022

कब आओगे मुरलिया वाले - Kab Aaoge Muraliya Vaale - LYRICS-

कब आओगे मुरलिया वाले, कब आओगे मुरलिया वाले
तू नहीं आया आ गए सारे, कब आओगे मुरलिया वाले

सपनों में सपना छोड़ गया तू, आज अकेला छोड़ गया तू
फूलों पर चलकर लगता है ऐसे, पांव के नीचे अंगारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

ऐसा न हो कि तू न आए भरी सभा में लाज बचाने
तड़प तड़प के बिलख बिलख के मार जाएं तेरे मारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

दूर बहुत क्या देश है तेरा, पहुंचा नहीं संदेश है मेरा
सपनों के मोहन जल्दी से आजा, देर न कर मेरे प्यारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

ठाकुर जी तेरी सेवा - Thakur Ji Teri Seva - LYRICS-

ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं गंगा कहां से लाऊं जमुना
कहां से लाऊं सरयू का नीर भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे


कहां से लाऊं फूल कहां से लाऊं कलियां
कहां से लाऊं फूलों का हार भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं माखन कहां से लाऊं मिश्री 
कहां से लाऊं दहिया की मटकी भरीरे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं ललिता कहां से लाऊं राधा
कहां से लाऊं रुक्मिणी सुहाग भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

Monday, May 30, 2022

सभी मिल जाइए हरी गुण - Sabhi Mil Jaaiye Hari Gun -LYRICS-

सभी मिल जाइए हरी गुण गए महादेवा 
ओम नमो भगवते बासुदेव

आओ कैलाश वासी कहां हो हम बुलाए तुम आओ न आओ
गौरा मैया के साथ, गणपति भैया के साथ आओ देवा
ओम नमो भगवते बासुदेव

आओ अयोध्या के वासी कहां हो हम बुलाए तुम आओ न आओ,   सीता मैया के साथ, हनुमत भैया के साथ आओ देवा
ओम नमो भगवते बासुदेव

आओ मथुरा के वासी कहा हो हम बुलाए तुम आओ न आओ
राधा मैया के साथ, दाऊ भैया के साथ आओ देवा
ओम नमो भगवते बासुदेव

आओ बैकुंठ वासी कहां हो हम बुलाए तुम आओ न आओ
लक्ष्मी मैया के साथ, नारद भैया के साथ आओ देवा
ओम नमो भगवते बासुदेव

Sunday, May 29, 2022

भोले बाबा तेरे हजारों नाम - Bhole Baba Tere Hajaaron Naam - LYRICS-

भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम

एक नाम लिया मैने ब्रह्मा जी का, भोले बाबा वेदों में तेरा नाम
भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम


एक नाम लिया मैने विष्णु जी का, भोले बाबा शंखों में तेरा नाम
भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम

एक नाम लिया मैने रामचंद्र जी का, भोले बाबा रामायण में तेरा ही नाम  भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम


एक नाम लिया मैने कान्हा जी का भोले बाबा बंसी में तेरा ही नाम    भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम


एक नाम लिया मैने सतगुरु जी का भोले बाबा ज्ञानों में तेरा ही नाम    भोले बाबा तेरे हजारों नाम, भोले बाबा तेरे हजारों नाम

राम भजन करो प्राणी -Ram Bhajan Karo Prani - LYRICS-

राम भजन करो प्राणी  ये काया तेरी हो गई पुरानी
हो गई पुरानी काया हो गई पुरानी

इस काया को मल मल धोया साबुन तेल और सेंट लगाया
मान ले अभिमानी ये काया तेरी हो गई पुरानी
राम भजन करो प्राणी  ये काया तेरी हो गई पुरानी

इस काया की रख बनेगी उस पर छोटी छोटी घास उगेगी
पशु चरें मनमानी ये काया तेरी हो गई पुरानी
राम भजन करो प्राणी  ये काया तेरी हो गई पुरानी

तुलसीदास आस रघुवर की आस नहीं है पल छन भर की
मान ले अज्ञानी ये काया तेरी हो गई पुरानी
राम भजन करो प्राणी  ये काया तेरी हो गई पुरानी

Sunday, May 22, 2022

मुझे जोगी जमाई पसंद नहीं है - Mujhe Jogi Jamaai Pasand Nhi Hai - LYRICS-

मुझे जोगी जमाई पसंद नहीं है, 
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

शीश भी के चंदा विराजे, मुझे ऐसा त्यागी पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

गले भोले के सर्पों की माला, मुझे ऐसा सपेरा पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

हाथ भोले के डमरू बिराजे, मुझे ऐसा मदारी पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

संग भोले के नदिया विराजे, मुझे ऐसा व्यापारी पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

अंग भोले के भस्मी विराजे, मुझे ऐसा अघोरी पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

भोग भोले के भांग धतूरा, मुझे ऐसा नशेड़ी पसंद नहीं है
गौरा मान जाओ जाके घर द्वार नहीं है

Saturday, May 21, 2022

कोई पिए राम रस प्याला - Koi Piye Ram Ras Pyala- LYRICS-

कोई पिए राम रस प्याला कोई पिए हरी रस प्याला
जिस अंगना में ये रस बरसे वहां आते हैं मदन गोपाला

इस प्याले को मीरा पी गई, वो विष अमृत कर डाला
कोई पिए हरी रस प्याला..


ध्रुव पी गए प्रहलाद भी पी गए, जंगल में मंगल कर डाला
कोई पिए हरी रस प्याला...


इस प्याले को शबरी पी गई, वो हरी दर्शन दे डाला
कोई पिए राम रस प्याला...


इस प्याले को नरसी पी गए, पतले पे दरस दे डाला
कोई पिए राम रस प्याला...


ऋषि मुनि सब संत भी पी गए, तान मन निर्मल कर डाला
कोई पिए हरी रस प्याला...