चुनरिया....
एक पल्ले पे भोले बाबा दूजे पे हो पार्वती
तीजे पे हो ब्रह्मा विष्णु, चौथे पे लक्ष्मी सरस्वती
बूढ़ा नदिया बैल सवारी, घूंघट पे लिखियो गणेश
चुनरिया मोरी...
आए पास हो नदिया नारे बीच समंदर धारा हो
गंगा जमुना सरयू मैया त्रिवेणी की धारा हो
कमली वाले ऐसी लिखियों, धोवे से न हो सफेद
चुनरिया मोरी...
राधा रंगीली छैल छबीली रुकमिन सतभामा प्यारी
१६००८ पटरानी जिनमें नाचें गिरधारी
अर्जुन के हो रथ के साथी गीता को लिखो उपदेश
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