हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
ब्रह्मा न्योत विष्णु न्योते, न्योते सब परिवार
वानर सेना साबरी न्योती, न्योते हैं पवनकुमार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
ब्रह्मा आए विष्णु आए , आए सब परिवार
वानर सेना साबरी आई, आए हैं पवन कुमार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
ब्रह्मा बैठे विष्णु बैठे बैठे सब परिवार
वानर सेना साबरी बैठी बैठे हैं पवन कुमार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
पूड़ी परसी कचौड़ी पारसी परसे लड्डू चार
सब्जी रायतो सब ही परसो रबड़ी है लच्छेदार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
पूड़ी खाई कचौड़ी खाई रबड़ी लच्छेदार
सब्जी रायतो सब ही खायो खाली करे हैं भंडार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
हाथ जोडके सीता मैया गईं रामजी के पास
समझा लो अपने लाला है खाली करे हैं भंडार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
हंस मुस्काए रामजी बोले सुन सीता मेरी बात
तुलसी दल को भोग लगाओ, फिर से भरेंगे भंडार
हरे हरे पवनसुत न्योत दिए
हाथ जोड़कर सीता मैया गईं तुलसा के पास
तुलसी दल को भोग लगायो हनुमत को आयो डकार
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