सबेरे उठ कौरे से मत बैठो री जन्म गूंगी को मिलेगो
सबको रहे हैं समझाए
सबेरे उठ बैठ के मत झाड़ो री जन्म लंगड़ी को मिलेगो
सबको रहे हैं समझाए
सबेरे उठ चुगली मत करिए री जन्म गूंगी को मिलेग
सबको रहे हैं समझाए
सबेरे उठते ही मत खाओ री जन्म बिल्ली को मिलेगो
सबको रहे हैं समझाए
सबेरे उठ घर घर मत डोलो री जन्म कुतिया को मिलेगो
सबको रहे हैं समझाए
सबेरे उठ नहाय धोए भजन करो री द्वार बुद्धि के खुलेंगे
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