Monday, June 6, 2022

अब क्या हो भोलेनाथ - Ab Kya Ho Bholenath - LYRICS-

अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में
संगमरमर के महल बनाए, बामे बहू बेटा ठहराए
हमारी खटिया बाहर बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

तरह तरह के पकवान बनाए, सब परिवार बैठ के खाए
हमको रोटी अचार, बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

बहू बेटा गाड़ी में घूमे, हम हैं चौकीदार
बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

बेटा सुनते नही बेटी सुनती नहीं,अरे बेटा भए गुलाम 
बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

अरे बड़ी मुश्किल से काया पाई, इसको बड़ी बड़ी मेवा खाई
साबरी सिकुड़ गई खाल, बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

अरे सब छोड़ प्रभु तेरे दर आई, तुमसे बड़ी बड़ी आस लगाई
अब कर दो भाव से पार, बीच बुढ़ापे में
अब क्या हो भोलेनाथ बीच बुढ़ापे में

Saturday, June 4, 2022

काहे बैठी हो मुखड़ा मोड़ के - Kahe Baithi Ho Mukhda Mod Ke - LYRICS -

काहे बैठी हो मुखड़ा मोड़ के भजन करो जोर जोर से

ऋद्धि के भजन करो सिद्धि के भजन करो 
गणपति के भजन दिलं खोल के 
भजन करो जोर जोर से

राम के भजन करो सीता के भजन 
हनुमत के भजन दिल खोल के
भजन करो जोर जोर से

राधा के भजन करो रुक्मिणी के भजन करो
कान्हा के भजन दिल खोल के
भजन करो जोर जोर से

मंदिर में भजन करो संगत में भजन करो
घर में भजन दिल खोल के
भजन करो जोर जोर से

ओहो मीरा बाई तूने सारा जग - Oho Meerabaai Tune Sara Jag - LYRICS-

ओहो मीरा बाई तूने सारा जग छोड़ा हरी से नाता जोड़ा
हरी को अपना मान के तेरी लगन लगी भगवान से


जहर के प्याले रणजी ने भेजे ले जा मीरा के पास रे
नहाय धोए मीरा पीवन बैठी जहर का अमृत होय रे
ओहो बंसी वाले तू कल फिर आना नहीं फिर जाना
हरी अपना मान के...


शेर पिटारे राणा जी ने भेजे ले जा मीरा के पास रे 
सुमिरन कर मीरा खोलन बैठी बन गए मदन गोपाल रे
ओहो बंसी वाले तू कल फिर आना नहीं फिर जाना
हरी अपना मान के...


सांप पिटारे राणा जी ने भेजे ले जा मीरा के पास रे
कर सुमिरन मीरा खोलन बैठी बन गए फूलन हार रे
ओहो बंसी वाले तू कल फिर आना नहीं फिर जाना
हरी अपना मान के...


कांटों की शैय्या राणाजी ने भेजी ले जा मीरा के पास रे
कर सुमिरन मीरा सोवन चाली फूलों की शैय्या होवे रे
ओहो बंसी वाले तू कल फिर आना नहीं फिर जाना
हरी अपना मान के...

Friday, June 3, 2022

तुम्हें कैसे मनाऊं बजरंगी - Tumhen Kaise Manaaun Bajrangi - LYRICS -

तुम्हें कैसे मनाऊं बजरंगी आ जाओ मेरे कीर्तन में

जब सीता का हरण हुआ था तुमने पता लगाया पल भर में
आ जाओ मेरे कीर्तन में

जब बाली संग हुई लड़ाई तुमने बाली मरवाया पल भर में
आ जाओ मेरे कीर्तन में

जब तेरी पूंछ में आग लगी है तुमने लंका जलाई पल भर में
आ जाओ मेरे कीर्तन में

जब लक्ष्मण को शक्ति लगी है तुमने प्राण बचाए पल भर में
आ जाओ मेरे कीर्तन में

जब रावण संग हुई लड़ाई तुमने रावण मरवाया पल भर में
आ जाओ मेरे कीर्तन में

Thursday, June 2, 2022

पहले करो गुरु प्रणाम - Pehle Karo Guru Pranam - LYRICS-

पहले करो गुरु प्रणाम, गुरु के बिना ज्ञान नहीं

गुरु करे तो ऐसा करियो जैसे यशुमति माई
जिनके प्याले पे आए भगवान गुरु के बिना ज्ञान नहीं


गुरु करे तो ऐसा करियो  जैसे मीरा बाई
जिनके प्याले पे आए भगवान गुरु के बिना ज्ञान नहीं


गुरु करे तो ऐसा करियो जैसे द्रौपदी माई
उनके पल्ले पे आए भगवान गुरु के बिना ज्ञान नहीं


गुरु करे तो ऐसा करियो जैसे नरसी भक्त 
जिनके चौकों पे आए भगवान गुरु के बिना ज्ञान नहीं


गुरु करे तो ऐसा करियो जैसे कर्मा बाई
उनके खिचड़े पे आए भगवान गुरु के बिना ज्ञान नहीं 

Tuesday, May 31, 2022

कब आओगे मुरलिया वाले - Kab Aaoge Muraliya Vaale - LYRICS-

कब आओगे मुरलिया वाले, कब आओगे मुरलिया वाले
तू नहीं आया आ गए सारे, कब आओगे मुरलिया वाले

सपनों में सपना छोड़ गया तू, आज अकेला छोड़ गया तू
फूलों पर चलकर लगता है ऐसे, पांव के नीचे अंगारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

ऐसा न हो कि तू न आए भरी सभा में लाज बचाने
तड़प तड़प के बिलख बिलख के मार जाएं तेरे मारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

दूर बहुत क्या देश है तेरा, पहुंचा नहीं संदेश है मेरा
सपनों के मोहन जल्दी से आजा, देर न कर मेरे प्यारे
कब आओगे मुरलिया वाले...

ठाकुर जी तेरी सेवा - Thakur Ji Teri Seva - LYRICS-

ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं गंगा कहां से लाऊं जमुना
कहां से लाऊं सरयू का नीर भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे


कहां से लाऊं फूल कहां से लाऊं कलियां
कहां से लाऊं फूलों का हार भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं माखन कहां से लाऊं मिश्री 
कहां से लाऊं दहिया की मटकी भरीरे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे

कहां से लाऊं ललिता कहां से लाऊं राधा
कहां से लाऊं रुक्मिणी सुहाग भरी रे
ठाकुर जी तेरी सेवा हम पे न बनी रे