दीनबंधु दयालु दया कीजिये
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये
मेरे भगवन किसी को गरीबी न दो
मौत दे दो मगर बदनसीबी न दो
इस दुनिया से हमको बचा लीजिये
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये
दीनबंधु दयालु दया कीजिये...
श्याम नैया हमारी भंवर में पड़ी
श्याम तेरे भरोसे में कब से खड़ी
पार हो न सके तो डुबा दीजिये
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये
दीनबंधु दयालु दया कीजिये...
जहाँ पापों की वर्षा भारी है
जहाँ दुष्टों की रिश्तेदारी है
बदनामी से हमको बचा लीजिये
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये
दीनबंधु दयालु दया कीजिये...
श्याम अब तेरी दुनिया में मन न लगे
श्याम तेरे दरस बिन कल न पड़े
अपने चरणों में हमको लगा लीजिये
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये
दीनबंधु दयालु दया कीजिये...
Thursday, July 29, 2021
लाल रंग प्यारा लगे हनुमान को - Laal Rang Pyara Lge Hanumaan ko - LYRICS-
लाल रंग प्यारा लगे हनुमान का
मेंहदीपुर और सालासर ने बाला नाम प्यारा लगे हनुमान का लाल रंग प्यारा लगे हनुमान का
लाल मुकुट और लाल तिलक है लाल लाल चोला
मेरे हनुमान का लाल रंग प्यारा लगे हनुमान का
लंबी पूंछ बेष बानर का मुख बड़ा प्यारा लगे हनुमान का
लाल रंग प्यारा लगे हनुमान का
शिव शंकर के वो अवतारी सिया राम बसे हृदय में
लाल रंग प्यारा लगे हनुमान का
Tuesday, July 27, 2021
कैसे चढ़ाऊं भोले बेल फूल पाती - Kaise Chadhaaun Bhole Bel Phool Paati - LYRICS-
कैसे चढ़ाऊं भोले बेल फूल पाती
जटा इधर उधर पूजा करने दो करने दो
शीश भोले के गंगा विराजे जल मैं कैसे चढ़ाऊं हो
गंगा हटा लो भोले जल मैं चढ़ाऊं कर डालो शिंगार हो
शीश भोले के चंदा विराजे तिलक मैं कैसे लगाऊं हो
चंदा हटा लो भोले तिलक लगाऊं कर डालो शिंगार हो
गल भोले के सर्पों की माला माला कैसे पहनाऊं हो
सर्प हटा लो भोले माला पहनाऊं कर डालो शींगार हो
अंग भोले के भस्मी लगी है शाल में कैसे पहनाऊं हो
भस्मी हटा लो भोले शाल ओढ़ा दूं कर डालो सिंगार हो
चरणों में तेरे नन्दी बैठा शीश में कैसे झुकाऊं हो
Sunday, July 25, 2021
बागों में फूल खिले दिन रात - Baagon Me Phool Khile Di Raat - LYRICS-
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
भोले के लिए बनाऊं गौरा के लिए बनाऊं
वो तो चले गए कैलाश माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
ब्राह्मम के लिए बनाऊं ब्रह्ममानी के लिए बनाऊं
वो तो चले गए ब्रह्मलोक माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
विष्णु के लिए बनाऊं लक्ष्मी के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वैकुंठ माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
राम के लिए बनाऊं सीता के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वनवास माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
कान्हा के लिए बनाऊं राधा के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वृंदावन माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
मैया के लिए बनाऊं लाँगुर के लिए बनाऊं
वो तो चाली गई पर्वत पे माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं
अचक सीना घर लई भोले ने - Achak Seena Gher Layi - LYRICS-
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
अरे कहने लगो मेरी भांग घोंट दे भर दे या लुटिया में
न जाने कब भीतर आ गयो बांध गठरिया कब की धर गयो कि भांगिया लटक रही बैरनिया गठारीया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
एसो भोले बाबा मूडी कहने लगो अब धो लेे कुड़ी
कि सोटा दे दियो री हाथ पकड़ मुठिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
अरे राम मेरी सबरी ब्यूटी घोंट घोंट के हारी बूटी
कि भंगिया भर ले गो सारी अरे सारी जा लुटिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
Thursday, July 22, 2021
री बहना अब तो भजूंगी - Ri Behna Ab To Bhajoongi - LYRICS-
री बहना अब तो भजूंगि हरि नाम
उमरिया सारी बीत गई
बालपन हंस खेल गंवाया री बहना जवानी हुई बेकाम
उमरिया सारी बीत गई
झूठ कपट में ऐसी फस गई री बहना लियो न हरि को नाम उमरिया सारी बीत गई
मानस तान पाया भागों से अरी बहना भक्ति करूंगी
निष्काम उमरिया सारी बीत गई
धन दौलत सब यहीं रह जाएगी बहना संग न जाए
कौड़ी दाम उमरिया सारी बीत गई
महल तीवारे यहीं रह जायेंगे बहना संग जावे हरि को नाम उमरिया सारी बीत गई
Wednesday, July 21, 2021
सतगुरु काया की बन गई रेल - Satguru Kaya Ki Bn Gyi Rail - LYRICS-
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
रेलगाड़ी अजब निराली है रेलगाड़ी अजब निराली है
हाथ पैर के पहिए बन गए दो आंखों के सिग्नल बन गए
दिल का इंजन गजब बनाया रेलगाड़ी चलने वाली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
हाथ पैर के पहिए फुक गए दो आंखों के सिग्नल बुझ गए
दिल का इंजन हो गया फैल ये गाड़ी अब न चाली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
फिर लकड़ी की सेज सजाई उसके ऊपर रेल चढ़ाई
बंदे लगे बहुत से संग रेल कंधे पे उठाई है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
कल तक रेल डटे न डाटी आज रेल हो गई माटी
कैसा खूब रचाया खेल रेल की राख बना ली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
रेलगाड़ी अजब निराली है रेलगाड़ी अजब निराली है
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