अरे कहने लगो मेरी भांग घोंट दे भर दे या लुटिया में
न जाने कब भीतर आ गयो बांध गठरिया कब की धर गयो कि भांगिया लटक रही बैरनिया गठारीया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
एसो भोले बाबा मूडी कहने लगो अब धो लेे कुड़ी
कि सोटा दे दियो री हाथ पकड़ मुठिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
अरे राम मेरी सबरी ब्यूटी घोंट घोंट के हारी बूटी
कि भंगिया भर ले गो सारी अरे सारी जा लुटिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में
No comments:
Post a Comment