उमरिया सारी बीत गई
बालपन हंस खेल गंवाया री बहना जवानी हुई बेकाम
उमरिया सारी बीत गई
झूठ कपट में ऐसी फस गई री बहना लियो न हरि को नाम उमरिया सारी बीत गई
मानस तान पाया भागों से अरी बहना भक्ति करूंगी
निष्काम उमरिया सारी बीत गई
धन दौलत सब यहीं रह जाएगी बहना संग न जाए
कौड़ी दाम उमरिया सारी बीत गई
महल तीवारे यहीं रह जायेंगे बहना संग जावे हरि को नाम उमरिया सारी बीत गई
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