मन की आंखें जरा खोलो खोलो वो वहां पर भी आए हुए
जिससे सारे जगत में उजाला
जिससे लाखों धधकती हैं ज्वाला
नाम सूरज है सब जानते है उसको मुख में रमाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं
लांघना पल में सारा समुंदर
लंका में घुस के उसको जलाना
सब थर्राते हैं कांपते हैं, ऐसा सीता घुमाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं
त्रेता द्वापर में क्या क्या न देखा
है कायुग में इनका ही रुतबा
भक्तों छोटी सी बात पर ये फ़ाड़ सीना दिखाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं
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