Saturday, September 11, 2021

कान्हा ये दुनियां मतलब की - Kanha Ye Duniyaan matlab ki - LYRICS-

कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं

मीरा के साथी बहुत हुए जब जहर पिया तब कोई नहीं
प्याले पे आ गए बनवारी दुनियां में अपना कोई नहीं
कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं

द्रौपदी के साथी बहुत हुए जब चीर खींचा तब कोई नहीं
साड़ी पे आ गए बनवारी दुनियां में अपना कोई नहीं
कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं

हरिचंद के साथी बहुत हुए जब घड़ा उचा तब कोई नहीं
गगरी पे आ गए बनवारीबदुनियां में अपना कोई नहीं
कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं

प्रहलाद के साथी बहुत हुए जब प्राण गए तब कोई नहीं
गोदी में उठा लिया बनवारी दुनियां में अपना कोई नहीं
कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं

Thursday, September 9, 2021

भज लो राम नाम अर्जेंट - Bhaj Lo Ram Naam Argent - LYRICS-

भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 
यहां निरंतर आना जाना कोई न परमानेंट
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 


ये मेरा है वो मीरा है कर रहा एग्रीमेंट
लेखा सबको देना होगा लेडीज हो या जेंट्स
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 

काम क्रोध मद लोभ मोह के खुल रहे रेस्टोरेंट
खा लो पी लो मौज उड़ा लो करना होगा पेमेंट
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 

कोट पैंट और हट लगाकर बन रहा है पेटेंट
न जाने कब इस जीवन का हो जाए एक्सिडेंट
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 

हरिद्वार चाहे मथुरा काशी घूमो दिल्ली कैंट
मन में नाम प्रभु का रखो धोती पहने या पैंट
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 

संत समागम सत्संग कर को ये सच्ची गवर्नमेंट
प्रभु कथा और हरि कथा में सब रहना प्रेजेंट
भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 
यहां निरंतर आना जाना कोई न परमानेंट

भज लो राम नाम अर्जेंट भज लो राम नाम अर्जेंट 
 

सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो - Satguru Pyare Meri Rang Do - LYRICS-

सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया 

आप ही रंग दो चाहें भोले पे रंगा दो
प्रेम नगर में खुली है बजरिया
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया 

लाल न ही रांगीयो गुरु हरि न ही रंगियों
ऐसी रंगा दी जैसी आपकी पगड़िया
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया 

ऐसी रंगो गुरु रंग न है छूटे 
धोबिनीया धोने चाहे सारी उमरिया
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया 

या चुनरी ए रंगा के रहूंगी 
सास लड़े चाहे लड़े ननादिया
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया 

Tuesday, September 7, 2021

तुम तो मुरली वाले - Tum To Murli Vale - LYRICS-

तुम तो मुरली वाले जन्म के कपटी

औरों की गागर नित उठ भरते 
मेरी मटकी मांझधार में अटकी
तुम तो मुरली वाले जन्म के कपटी

औरों का माखन नित उठ खाते
मेरा माखन अधरन बीच अटकी
तुम तो मुरली वाले जन्म के कपटी

औरों को दर्शन नित उठ देते
मेरी अखियां दर्शन को तरसिं
तुम तो मुरली वाले जन्म के कपटी

औरों की गैया नित ही चराते
मेरी गईया वन वन में भटकिं 
तुम तो मुरली वाले जन्म के कपटी

Friday, September 3, 2021

ओ हो हो मंदिर में गज़ब हो गया - O Ho Ho Mandir Me Gajab Ho Gaya - LYRICS-

ओ हो हो मंदिर में गजब हो गया
ओ हो हो कान्हा से मिलन हो गया
मैंने पूजा की थाली सजाई और माखन मैं घर भूल आई
ओ हो हो मेरा कान्हा मचलने लगा
ओ हो हो मंदिर में गजब हो गया

घर से में जब मंदिर में अाई मेरी सखियों ने ढोलक बजाई ओ हो हो मेरा कान्हा ठुमकने लगा
ओ हो हो मंदिर में गजब हो गया

घर से जब में मंदिर में अाई मेरे कान्हा ने मचाई दुहाई
ओ ही हो मेरा कान्हा रुंठने लगा
ओ हो हो मंदिर में गजब हो गया

घर से जब मैं मंदिर में अाई मैने आंसुओं की माला
पहनाई ओ हो हो मेरा कान्हा प्रसन्न हो गया
ओ हो हो मंदिर में गजब हो गया

kanahiya मुझे थोड़ी सी गीता सुना दो - Kanahiya Mujhe Thodi Si Geeta Suna Do - LYRICS-

कान्हा मुझे थोड़ी सी गीता सुना दो

न चाहिए कान्हा माथे का टीका 
कान्हा मेरे माथे पे चंदन लगा दो


न चाहिए कान्हा गले का हरवा 
कान्हा मुझे तुलसी की माला पहना दो


न चाहिए कान्हा हाथों के कंगना
कान्हा मेरे हाथो से दान करवा दो


न चाहिए कान्हा पैरों की पायल
कान्हा मुझे सारे तीरथ करा दो

Wednesday, September 1, 2021

अमृत बरस रहा सत्संग में - Amrit Baras Rayo Satsang Me - LYRICS-

अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत मीरा ने पी लयो है गई बाबरिया
जहर पचाने सतगुरू आ गए बन के सावरिया
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत अर्जुन ने पी लायो है गयो बाबरिया
ज्ञान सुनाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत नरसी ने पी लो है गयो बाबरिया 
भात भरने  सतगुरु आ गए बन के सावारिया
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत द्रौपदी ने पी लयाे है गई बाबरीया
चीर बढ़ाने सतगुरु सा गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत हरिश्चंद ने पी लो है गयो बाबरिया
गढ़ उचाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत प्रहलाद ने पी लो है गयो बाबरिया
प्राण बचाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया