Wednesday, September 1, 2021

अमृत बरस रहा सत्संग में - Amrit Baras Rayo Satsang Me - LYRICS-

अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत मीरा ने पी लयो है गई बाबरिया
जहर पचाने सतगुरू आ गए बन के सावरिया
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत अर्जुन ने पी लायो है गयो बाबरिया
ज्ञान सुनाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत नरसी ने पी लो है गयो बाबरिया 
भात भरने  सतगुरु आ गए बन के सावारिया
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत द्रौपदी ने पी लयाे है गई बाबरीया
चीर बढ़ाने सतगुरु सा गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत हरिश्चंद ने पी लो है गयो बाबरिया
गढ़ उचाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत प्रहलाद ने पी लो है गयो बाबरिया
प्राण बचाने सतगुरु आ गए बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया



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