चुनरिया मेरी ऐसी रेंगैयो रंगरेज
एक पल्ले पे भोले बाबा दूजे पे हो पार्वती
तीसरे पे ब्रहम्मा विष्णु चौथे पे लक्ष्मी सरस्वती
बू ढो नादिया बैल सवारी, गुंघट पे लिखियो गणेश
चुनरिया मेरी ऐसी रेंगैयो रंगरेज
आस पास हो नदिया नार बीच समुंदर धारा हो
गंगा जमुना सरियू मैया त्रिवेणी की धारा हो
कमली वाले ऐसी रंगीयों धोने से होए न सफेद
चुनरिया मेरी ऐसी रेंगैयो रंगरेज
राधा रंगीली छैल छबीली रुक्मिणी सतभामा प्यारी
सोलह हजार आठ पटरानी इनमें नाचें गिरधारी
अर्जुन के हो रथ के साथी गीता का लिखी उपदेश
चुनरिया मेरी ऐसी रेंगैयो रंगरेज
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