Sunday, May 30, 2021

तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ - Tujhe Shanker Kahoon Ki Bholenath - LYRICS-

तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले

शीश भोले के गंगा विराजे, कैसे जल मैं चढ़ाऊं भोले नाथ
ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले


माथे भे के चंदा विराजे, तुझे कैसे चंदन लगाऊं भोलेनाथ
ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले

गले भोले के सर्पों की माला, तुझे कैसे हार पहनाऊं भोलेनाथ   ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले


हाथ भोले के डमरू विराजे कैसे तान सुनाऊं भोलेनाथ
ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले

संग भोले के गौरा विराजे गोदी में गणपति विराजे
मैं कैसे दर्शन पाऊं भोलेनाथ  ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले


चरणों में भोले के नन्दी विराजे मैं कैसे शीश झुकाऊं
भोलेनाथ   ऊंचे पर्वत वाले
तुझे शंकर कहूं कि भोलेनाथ रे ऊंचे पर्वत वाले

Wednesday, May 26, 2021

राम रस जाने पीयो - Ram Ras Jaane Piyo - LYRICS-

राम रस जाने पीयो जई की लगेगी नैया पार

राम रस मीरा ली गई छान लगा लियो अपने प्रभु से ध्यान
जहर को अमृत बन गयो   जई की लगेगी नैया पार
(इसी प्रकार से आगे कहते जाना है)

द्रौपदी, शबरी, नरसी, प्रहलाद, मोरध्वज,


भज ले हरि का नाम- Bhaj Le Hari Ka Naam- LYRICS-

भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी
आएगा बस यही काम काम भोले प्राणी

कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी बनकर बैठा सेठ करोड़ी
संग चले न कौड़ी दाम दाम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी

हरि भजन से मन क्यों चुराए काल बुलावा कब आ जाए
ही जाए जीवन की शाम शाम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी

गर्भ में तूने वादा किया था हरि चिंतन का इरादा किया था
अब तो लेे भज सीताराम राम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी
आएगा बस यही काम काम भोले प्राणी

Sunday, May 23, 2021

दूल्हा बूढों है - Dulha Budho Hai - LYRICS-

दूल्हा बूढों है नारद कैसा वर ढूंढो है

तुम तो कहते वाले महल दूमहला
पर्वत ऊंचो है। नारद.....
दूल्हा बूढों है नारद कैसा वर ढूंढो है

तुम तो कहट वाके घोड़ा हाथी
नादिया बूढों है।  नारद....
दूल्हा बूढों है नारद कैसा वर ढूंढो है

तुम तो कहत बाके धन और दौलत
भांग धतूरों है।  नारद.....
दूल्हा बूढों है नारद कैसा वर ढूंढो है


Saturday, May 22, 2021

दिल मतवाला जपूं कैसे माला - एकादशी भजन - Lyrics


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दिल मतवाला जपूं कैसे माला,
मन मतवाला जपूं कैसे माला x2

इस माला में सौ आठ गुइन्यां 
उंगली में पड़ गया छाला
मन मतवाला जपूं कैसे माला

नहाएं धोए मैं पूजा पे बैठी।
दिल में लग गया ताला 
दिल मतवाला जपूं कैसे माला
हाय राम मन मतवाला जपूं कैसे माला।

इस काया के दस दरवाजे
जैसे मकड़ी का जाला
मन मतवाला जपूं कैसे माला

Thursday, May 20, 2021

सीख लियो मेरे राम - Seekh Liyo Mere Ram - LYRICS-

सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो

सास ससुर मैने ऐसे समझे जैसे चारों धाम
ज्ञान मैने सीख लियो
सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो


जेठ जिठानी मैने ऐसे समझे जैसे गौरी शंकर
ज्ञान मैने सीख लियो
सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो

देवर देवरानी मैने ऐसे समझे जैसे उर्मिला लक्ष्मण
ज्ञान मैने सीख लियो
सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो

नन्द नंदोई मैने ऐसे समझे जैसे कन्यादान
ज्ञान मैने सीख लियो
सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो

पति अपने मैने ऐसे समझे जैसे श्री भगवान
ज्ञान मैने सीख लियो
सीख लियो मेरे राम ज्ञान मैने सीख लियो

Wednesday, May 19, 2021

वनवासी हुए राम - Vanvaasi Hue Ram - LYRICS-

वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण
अपने भक्त के कारण भक्त के कारण

पहला मिलन केवट से भयो केवट से
केवट चरण पखार अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण

दूजो मिलन शबरी से भयो शबरी से 
दर्शन दिए आए अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण

तीजो मिलन है जटायू मिलन है जटायू
पहुंचाए निज धाम अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण

चौथे मिलन है  विभीषण मिलन है विभीषण
बनाए बिगड़े काम अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण

पांचों मिलन है रावण मिलन है रावण
पहुंचाए अपने धाम  अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण