अपने भक्त के कारण भक्त के कारण
पहला मिलन केवट से भयो केवट से
केवट चरण पखार अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण
दूजो मिलन शबरी से भयो शबरी से
दर्शन दिए आए अपने भक्त के कारण
तीजो मिलन है जटायू मिलन है जटायू
पहुंचाए निज धाम अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण
चौथे मिलन है विभीषण मिलन है विभीषण
बनाए बिगड़े काम अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण
पांचों मिलन है रावण मिलन है रावण
पहुंचाए अपने धाम अपने भक्त के कारण
वनवासी हुए राम अपने भक्त के कारण
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