कैलाश छोड़ के मत जाना सुध मेरे न बिसराना
डमरू बजा मेरे कैलाशी आस लगी तेरे दर्शन की
अब आजा मेरे कैलाशी आस लगी तेरे दर्शन की
भांग धतूरे में झूल गया सुखिया अधम को भूल गया
अलख जगा मेरे कैलाशी आस लगी तेरे दर्शन की
अब आजा मेरे कैलाशी आस लगी तेरे दर्शन की
संग में गौरा मैया है गोद में गणपति लाला है
दरस दिखा मेरे कैलाशी आस लगी तेरे दर्शन की
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