कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी बनकर बैठा सेठ करोड़ी
संग चले न कौड़ी दाम दाम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी
हरि भजन से मन क्यों चुराए काल बुलावा कब आ जाए
ही जाए जीवन की शाम शाम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी
गर्भ में तूने वादा किया था हरि चिंतन का इरादा किया था
अब तो लेे भज सीताराम राम भोले प्राणी
भज ले हरि का नाम नाम भोले प्राणी
आएगा बस यही काम काम भोले प्राणी
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