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मैया खोलो झझन किवार
दुर्गे खोलो झझन किवार
मैया के द्वारे एक राजा आयो
दोऊ कर जोरे आज
मैया खोलो...
के तौ रे राजा तोपे असन परो है
के बोली है तैने जात
मैया खोलो...
ना तौ रे मैया मोपे असन परो है
ना बोली है मैंने जात
मैया खोलो...
मेरे महल में सात जो रानी
तौ सातों रह गयीं बाँझ
मैया खोलो...
अपने बाग से कलियाँ तुड़वाई
तौ राजा ऐ दे दयीं जाय
मैया खोलो...
ये कलियाँ अपनी रानी ने दीयों
तौ बिनकी भर जाये गोद
मैया खोलो...
छोटी ने ले लयी बड़ी ने ले लई
पाँचों ने दयीं बगदाय
मैया खोलो...
जे कलियाँ हमरे बाग़ बहुत हैं
तौ माली से ले ऐ तुड्वाए
मैया खोलो...
छोटी के बसदेव भये हैं
तौ बड़ी के भये भगवान
मैया खोलो...
सई सांझ बसदेव भये हैं
तौ आधी पे भये भगवान
मैया खोलो...
राज पाट बासदेव करत हैं
तौ हुकम करें भगवान
मैया खोलो...
बे रानी पीछे पछ्तायीं
तौ काये कौ करो अभिमान
मैया खोलो...
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