गुरुजी मैं तो ओढ़ के जाऊं सत्संग के मेले में
इस घर की मोह माया में मेरो राम भजन ना होवे
गुरुजी मेरो जी घबरावे घर के झमेले में
गुरुजी मेरी रंग दो चुनरिया रंग रंगीले में
इस घर की मोह मैया छूटवा दो मेरा हरि में ध्यान लगा दो
गुरुजी मोए दर्शन दे दो आके अकेले में
गुरुजी मेरी रंग दो चुनरिया रंग रंगीले में
मात पिता और भ्राता सब है जीते जी का नाता
गुरुजी ये तो झूठा नाता रहना अकेले में
गुरुजी मेरी रंग दो चुनरिया रंग रंगीले में
मैंने के लिया तेरा सहारा मैं तो बन गया दास तुम्हारा
गुरुजी मोए पार लगा दो दुनिया के झमेले से
गुरुजी मेरी रंग दो चुनरिया रंग रंगीले में
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