जाएगी
बोला राणा मान ले मेरा कहा वरना तू घर से निकाली जाएगी
प्रीत गिरधर से लगाली जाएगी आंख दुनिया से हटाली
जाएगी
ना चाहिए मुझको तेरे ऊंचे महल झोंपड़ी ब्रज में बसाली
जाएगी
प्रीत गिरधर से लगाली जाएगी आंख दुनिया से हटाली
जाएगी
नाचूं गाऊंगी करूंगी कीर्तन साड़ी जोगी रंग रंगा ली जाएगी
प्रीत गिरधर से लगाली जाएगी आंख दुनिया से हटाली
जाएगी
मैं दीवानी हो गई अब शयम की अन ना ये मीरा संभाली जाएगी
प्रीत गिरधर से लगाली जाएगी आंख दुनिया से हटाली
जाएगी
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