Tuesday, June 9, 2020

Nar Tan Phir Na Milegi -LYRICS

नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की

बड़े भाग मानुष तन पायो तेने भटक भटक चौरासी
अबकी दांव चूक जाए वन्दे फिर गल पड़ जाए फांसी
डंडा पीठ पे पड़ेगा छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की
नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की

दिन ऊहे से दिन डूबे तक बेहद करे कमाई
छोरा छोरी की खातिर तेने महल दिए बनवाई
इनमें कैसे तू रहेगो छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की
नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की

मैया के मद आकर रोज मचावे दंगा
एक दिन मरघट बीच लेजाके अपने करें तोए नंगा
काऊ दिन चौड़े में फूंकेगाछोड़ दे गठारिय वन्द पाप की
नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्द पाप की

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