Saturday, July 18, 2020

Ek Din Maiya Parvati Bhole Se -LYRICS

एक दिन मैया पार्वती भोले से लगीं कहने 
मुझको भी गढ़वा दो मेरे स्वामी सोने के कहने

मैने लक्ष्मी को देखा मैने एक रानी देखी
तीनों लोकों में जाकर रानी महारानी देखीं
एक से बढ़कर एक सभी ने आभूषण पहने
मुझको भी गढ़वा दो मेरे स्वामी सोने के गहने

बात सुनकर गौरा की भोले ने समझाया
एक औघडदानी के पास होती नहीं माया
जो जैसे रहता है उसको वैसे दो रहने
मुझको भी गढ़वा दो मेरे स्वामी सोने के गहने

चुटकीभर भस्मी देकर बोले कुबेर के जाना
वहां से इसके इतना तुलवाकर सोना लाना
चुटकीभर से क्या हो गौरा सोच रही मन में
मुझको भी गढ़वा दो मेरे स्वामी सोने के गहने

एक पलड़े पर सोना दूजे पर भस्मी डाली
सोना रख डाला सारा पलडा भस्मी का भारी
क्यों जाऊं औरों के खजाने भरा हो जब घर में
तुमसे ही है श्रृंगार मेरा और तुम्हीं मेरे गहने
मुझको भी गढ़वा दो मेरे स्वामी सोने के गहने

एक दिन मैया पार्वती भोले से लगीं कहने 
तुम्हीं हो सिंगार मेरे और तुम्ही मेरे गहने

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