इस बृंदावन में जमुना बहत है स्नान करूं में रोज
रहूं तेरे बृंदावन
मेरी कुटिया बना दो बनवारी रहूं तेरे बृंदावन
इस वृंदावन मंदिर बहुत हैं पूजा पाठ करूं में रोज
रहूं तेरे बृंदावन
मेरी कुटिया बना दो बनवारी रहूं तेरे बृंदावन
इस वृंदावन संत बहुत हैं उनकी सेवा करूं सुबह शाम
रहूं तेरे बृंदावन
मेरी कुटिया बना दो बनवारी रहूं तेरे बृंदावन
इस बृंदावन गाएं बहुत हैं उनकी सेवा करूं मैं रोज
रहूं तेरे बृंदावन
मेरी कुटिया बना दो बनवारी रहूं तेरे बृंदावन
इस वृंदावन मोर बहुत हैं मुकुट बनाऊं बनवारी
रहूं तेरे बृंदावन
मेरी कुटिया बना दो बनवारी रहूं तेरे बृंदावन
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