Sunday, July 11, 2021

कैसी आ रही बहार - Kaisi Aa Rahi Bahaar - LYRICS-

कैसी आ रही बहार सत्संग में 
बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

पहली सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जाएंगे मेरी लड़ रही सास
सत्संग में

दूजे सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावें,मेरे लड़ रहे भरता र
सत्संग में

तीजि सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जवें मेरो रोवे नंदलाल सत्संग में

चौथी सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावे मेरे आ गए रिश्तेदार 
सत्संग में

पांचवीं सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावे हमे चढ़ रहो बुखार सत्संग में

सत्संग सुन के में घर अाई पांचों थादी बतराए सत्संग में

थोड़ी प्रसाद बहना हमको भी देना ये प्रसाद बहना तुम्हें न मिलेगा,ये प्रसाद बहना बई ए मिलेगो
जो चलेगी हमारे साथ सत्संग में

Friday, July 9, 2021

हरि को मत भूलो - Hari Ko Mat Bhoolo - LYRICS-

हरि को मत भूलो नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में मात पिता हैं, आज्ञा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में सास ससुर हैं, सेवा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में जेठ जीठानि, आदर मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में देवर देवरानी, प्रेम मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में  बेहन भांजी दान मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में तुलसी का बिरला सींचन मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में हरि का मंदिर पूजा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

Thursday, July 8, 2021

गुरुजी मेरे तुम ही - Guru Ji Mere Tum Hi - LYRICS-

गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

बड़ी मुश्किल से बेटा जाए दूध पिला भरपूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने तो सोची बेटा सेवा करेंगे हो गए दिल से दूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

बड़ी मुश्किल से बेटी जाई मैने तो सोची बेटी
दिल की सुनेगी,लेे गए पराए पूत
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

ये काया मैने मल मल धोई  तेल लगाएं भरपूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने तो सोची काया संग चलेगी हो गई यहीं पर धूल
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

कौड़ी कौड़ी मैया जोड़ी भर लये सब संदूक
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने ती सोची मैया संग चलेगी यहीं रह गए संदूक
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

Sunday, July 4, 2021

ग्यारस का व्रत में करती - Gyaras Ka Vrat Main Karti - LYRICS-

ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती

मैंने पहली माला फेरी सासुल ने आकर घेरी
कभी करती न सेवा मेरी 
हरि नाम की माला जपती

मैंने दूजी माला फेरी बेटे ने आकर घेरी
कुछ काम धाम न करती
हरि नाम की माला जपती

मैंने टीजी माला फेरी बहुअल ने आकर घेरी
कभी मेरे बच्चे न खिलाती 
हरि नाम की माला जपती

मैंने चौथी माला फेरी बेटी ने आकर घेरी
कुछ देन लेन न करती
हरि नाम की माला जपती

मैंने पांचवीं माला फेरी पोते ने आकर घेरी
कभी मुझे न घुमाती फिराति
हरि नाम की माला जपती

मैंने छठवीं माला फेरी साजन ने आकर घेरी
कभी मेरे पास न बैठती 
हरि नाम की माला जपती

Saturday, July 3, 2021

ग्यारस उपासी रह लेे - Gyaras Upaasi Reh Le - LYRICS-

ग्यारस उपासी रह लेे तेरो तर जाएगो जियरा
तर जाएगी जियारा संभल जाएगो जियरा

मात पिता और गुरु अपने की तीनों के वचनों पे चल रे
तेरो तर जाएगो जियारा

सास ससुर और पति अपने की तीनों की सेवा कर रे
तेरो तर जाएगो जियारा

बहन भांजी और जैठोता तीनों का आदर कर रे
तेरो तर जाएगो जियारा

गंगा जमुना और त्रिवेणी तीनों में गोता लगा ले 
तेरो तर जाएगो जियारा
गीता, भागवत और रामायण तीनों को दिल से सुन रे 
तेरो तर जाएगो जियारा

Friday, July 2, 2021

जब भी बुलाओ - Jab Bhi Bulao - LYRICS-

जब भी बुलाओ चले आएंगे कान्हा तेरे मंदिर में

जो कान्हा तुम सोना दोगे सोने का मुकुट पहनाएंगे
कान्हा तेरे मंदिर में

जो कान्हा तुम चांदी दोगे चांदी का छत्र च्ढाएंगे
कान्हा तेरे मंदिर में

जो कान्हा तुम तांबा दोगे तांबे का घंटा चढ़ाएंगे
कान्हा तेरे मंदिर में

जब कान्हा तुम पैसा दोगे तेरा भंडारा कराएंगे
कान्हा तेरे मंदिर में

जब कान्हा तुम शक्ति दोगे तेरा ही भजन कराएंगे
कान्हा तेरे मंदिर में

Thursday, July 1, 2021

बुढ़ापे बैरी कोई न पूछे बात - Budhapa Bairy Koi N Poochhe Baat - LYRICS-

बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात
आयो बुढ़ापा के गयो मेरे कान में बात
मीठा बोलो झुक के चलो लाठी लेे लो हाथ
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात

अंदर से वो बेटा आया सुन मैया मेरी बात
चारों कोने पड़े है घर में कहीं बिछा लेे खाट
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात

अंदर से वो बहू अाई सुन सासू मेरी बात 
घर की चाबी हमको देदो तुम्हें रहे न कुछ याद
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात

बाहर से वो पिता आया सुन दादी मेरी बात
रात भर तुम खों खो करती बाहर बिछा लो खाट
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात

बाहर से वो धेवता आया सुन मानी मेरी बात
तुम मरोगी हमें क्या दोगी हम तो करेंगे तुम्हें याद
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात

बाहर से वो सदगुरू आए सुन पगली मेरी बात
राम नाम की माला जप लेे भजन करो दिन रात
बुढ़ापा बैरी कोई न पूछे बात