हर घर तुमरी होती है पूजा हरि जी...
कोरी कलाशिया जमुना का पानी हरि जी में तो अपने ही हाथ नहलाऊं हरि जी...
पीली पीताम्बर पटना की धोती हरि जी में तो अपने ही हाथ पहनाऊं हरि जी...
छप्पन भोग बनाऊं तुमको हरि जी तुम्हें अपने ही हाथ खिलाऊं हरि जी...
सोने का लोटा गंगाजल पानी हरि जी में तो अपने ही हाथ पिलाऊं हरि जी...
चुन चुन कलियां सेज लगाई हरि जी में तो अपने ही हाथ सुलाऊं हरि जी में तो तुमरे चरण दबाऊ
हरि जी...
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