इस अंगना में माली बसत है माला बनावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
इस अंगना में हल्वैया बसत है भोग बनावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बजाजवा बसत है चुनरी चढ़ावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे राजा बसत है जोत जलावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे एक पटवा बसत है सिंगार चढ़ावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे सारे भक्त बसत हैं भेंट सुनावे दिन रात रे
कैसे लीपूं अंगनवा
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा
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