विष्णु पर रहे दारू सूखी लक्ष्मी घर में में रही भूखी
ओहो जाकी झुमकी बिक गईं कानन की
जा कलयुग में भैया,....
आलू प्याज kanahiya तोले यशोदा मठा मांगती डोले
ओहो राधा पौध गाढ़ रही धानन की
जा कलयुग में भैया....
बाल कटिंग कर रहे ब्रह्मा पानी ढो रही सरस्वती अम्मा
ओहो नारद अमियां तोड़ें बागन की
जा कलयुग में भैया....
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