Wednesday, July 14, 2021

मैं सब भक्तन को दास - Main Sab Bhaktan Ko Daas - LYRICS-

मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे रथ को हांकु सबको बिठाऊं सबको लगाऊं बेड़ा पार
भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे सबका खाऊं हृदय से लगाऊं नहीं मेरे जाति विचार
भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे जहां जहां भक्त मेरे पैर धरत हैं वहां वहां मेरो ही वास, भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे भक्त कहें प्रभु दीखत न हैं हृदय में करूं निवास
भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे जो जो भक्त मेरो नाम लेत हैं सबको लगाऊं बेड़ा पार  भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

अरे जो नर मोकुं पूछत न हैं पडो रहे संसार
भक्त मेरे मुकुट मणि
मैं सब भक्तों को दास भक्त मेरे मुकुट मणि

Tuesday, July 13, 2021

भारत की नार कैसे जने - Bharat Ki Naar Kaise Jane - LYRICS-

भारत की नार कैसे जने सुत योद्धा

जैसे जने गौरा ने जने गौरा ने गणपति जैसे लाल
कैसे जने सुत योद्धा

जैसे जने कौशल्या जने कौशल्या राम जैसे लाल
कैसे जने सुत योद्धा

जैसे जने कुंती ने जने कुंती ने अर्जुन और भीम
कैसे जने सुत योद्धा

जैसे जने देवकी ने जने देवकी ने कृष्ण जैसे लाल
कैसे जने सुत योद्धा

जैसे जने अंजनि ने जने अंजनि ने हनुमत जैसे वीर
कैसे जने सुत योद्धा

Monday, July 12, 2021

मेरे बजरंगबली देखो - Mere Bajrangvali Dekho - LYRICS-

मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं
मन की आंखें जरा खोलो खोलो वो वहां पर भी आए हुए

जिससे सारे जगत में उजाला 
जिससे लाखों धधकती हैं ज्वाला
नाम सूरज है सब जानते है उसको मुख में रमाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं

लांघना पल में सारा समुंदर 
लंका में घुस के उसको जलाना
सब थर्राते हैं कांपते हैं, ऐसा सीता घुमाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं

त्रेता द्वापर में क्या क्या न देखा 
है कायुग में इनका ही रुतबा
भक्तों छोटी सी बात पर ये फ़ाड़ सीना दिखाए हुए हैं
मेरे बजरंगबली देखो देखो तीनों लोकों में छाए हुए हैं

Sunday, July 11, 2021

कैसी आ रही बहार - Kaisi Aa Rahi Bahaar - LYRICS-

कैसी आ रही बहार सत्संग में 
बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

पहली सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जाएंगे मेरी लड़ रही सास
सत्संग में

दूजे सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावें,मेरे लड़ रहे भरता र
सत्संग में

तीजि सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जवें मेरो रोवे नंदलाल सत्संग में

चौथी सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावे मेरे आ गए रिश्तेदार 
सत्संग में

पांचवीं सखी से यों उठ बोली बहना तुम भी चलो साथ सत्संग में

या सत्संग में हम नहीं जावे हमे चढ़ रहो बुखार सत्संग में

सत्संग सुन के में घर अाई पांचों थादी बतराए सत्संग में

थोड़ी प्रसाद बहना हमको भी देना ये प्रसाद बहना तुम्हें न मिलेगा,ये प्रसाद बहना बई ए मिलेगो
जो चलेगी हमारे साथ सत्संग में

Friday, July 9, 2021

हरि को मत भूलो - Hari Ko Mat Bhoolo - LYRICS-

हरि को मत भूलो नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में मात पिता हैं, आज्ञा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में सास ससुर हैं, सेवा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में जेठ जीठानि, आदर मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में देवर देवरानी, प्रेम मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में  बेहन भांजी दान मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में तुलसी का बिरला सींचन मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

जिसके घर में हरि का मंदिर पूजा मत भूलो
नैया हाल पार लग जाएगी

Thursday, July 8, 2021

गुरुजी मेरे तुम ही - Guru Ji Mere Tum Hi - LYRICS-

गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

बड़ी मुश्किल से बेटा जाए दूध पिला भरपूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने तो सोची बेटा सेवा करेंगे हो गए दिल से दूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

बड़ी मुश्किल से बेटी जाई मैने तो सोची बेटी
दिल की सुनेगी,लेे गए पराए पूत
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

ये काया मैने मल मल धोई  तेल लगाएं भरपूर
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने तो सोची काया संग चलेगी हो गई यहीं पर धूल
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

कौड़ी कौड़ी मैया जोड़ी भर लये सब संदूक
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

मैने ती सोची मैया संग चलेगी यहीं रह गए संदूक
गुरुजी मेरे तुम ही अनोखे फूल

Sunday, July 4, 2021

ग्यारस का व्रत में करती - Gyaras Ka Vrat Main Karti - LYRICS-

ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती

मैंने पहली माला फेरी सासुल ने आकर घेरी
कभी करती न सेवा मेरी 
हरि नाम की माला जपती

मैंने दूजी माला फेरी बेटे ने आकर घेरी
कुछ काम धाम न करती
हरि नाम की माला जपती

मैंने टीजी माला फेरी बहुअल ने आकर घेरी
कभी मेरे बच्चे न खिलाती 
हरि नाम की माला जपती

मैंने चौथी माला फेरी बेटी ने आकर घेरी
कुछ देन लेन न करती
हरि नाम की माला जपती

मैंने पांचवीं माला फेरी पोते ने आकर घेरी
कभी मुझे न घुमाती फिराति
हरि नाम की माला जपती

मैंने छठवीं माला फेरी साजन ने आकर घेरी
कभी मेरे पास न बैठती 
हरि नाम की माला जपती