Sunday, July 25, 2021

बागों में फूल खिले दिन रात - Baagon Me Phool Khile Di Raat - LYRICS-

बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

भोले के लिए बनाऊं गौरा के लिए बनाऊं 
वो तो चले गए कैलाश  माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

ब्राह्मम के लिए बनाऊं ब्रह्ममानी के लिए बनाऊं
वो तो चले गए ब्रह्मलोक   माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

विष्णु के लिए बनाऊं लक्ष्मी के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वैकुंठ  माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

राम के लिए बनाऊं सीता के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वनवास  माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

कान्हा के लिए बनाऊं राधा के लिए बनाऊं
वो तो चले गए वृंदावन  माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

मैया के लिए बनाऊं लाँगुर के लिए बनाऊं
वो तो चाली गई पर्वत पे  माला किसके लिए बनाऊं
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं

अचक सीना घर लई भोले ने - Achak Seena Gher Layi - LYRICS-

अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में 
अरे कहने लगो मेरी भांग घोंट दे भर दे या लुटिया में

न जाने कब भीतर आ गयो बांध गठरिया कब की धर गयो  कि भांगिया लटक रही बैरनिया गठारीया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में 

एसो भोले बाबा मूडी कहने लगो अब धो लेे कुड़ी
कि सोटा दे दियो री हाथ पकड़ मुठिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में 

अरे राम मेरी सबरी ब्यूटी घोंट घोंट के हारी बूटी
कि भंगिया भर ले गो सारी अरे सारी जा लुटिया में
अचक सीना घर लाई भोले ने कुटिया में 
अरे कहने लगो मेरी भांग घोंट दे भर दे या लुटिया में

Thursday, July 22, 2021

री बहना अब तो भजूंगी - Ri Behna Ab To Bhajoongi - LYRICS-

री बहना अब तो भजूंगि हरि नाम 
उमरिया सारी बीत गई

बालपन हंस खेल गंवाया री बहना जवानी हुई बेकाम
             उमरिया सारी बीत गई

झूठ कपट में ऐसी फस गई री बहना लियो न हरि को नाम        उमरिया सारी बीत गई

मानस तान पाया भागों से अरी बहना भक्ति करूंगी 
निष्काम   उमरिया सारी बीत गई


धन दौलत सब यहीं रह जाएगी बहना संग न जाए 
कौड़ी दाम  उमरिया सारी बीत गई


महल तीवारे यहीं रह जायेंगे बहना संग जावे हरि को नाम          उमरिया सारी बीत गई

री बहना अब तो भजूंगि हरि नाम 
उमरिया सारी बीत गई

Wednesday, July 21, 2021

सतगुरु काया की बन गई रेल - Satguru Kaya Ki Bn Gyi Rail - LYRICS-

सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
रेलगाड़ी अजब निराली है रेलगाड़ी अजब निराली है


हाथ पैर के पहिए बन गए दो आंखों के सिग्नल बन गए
दिल का इंजन गजब बनाया रेलगाड़ी चलने वाली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है


हाथ पैर के पहिए फुक गए दो आंखों के सिग्नल बुझ गए
दिल का इंजन हो गया फैल ये गाड़ी अब न चाली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है

फिर लकड़ी की सेज सजाई उसके ऊपर रेल चढ़ाई
बंदे लगे बहुत से संग रेल कंधे पे उठाई है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है

कल तक रेल डटे न डाटी आज रेल हो गई माटी
कैसा खूब रचाया खेल रेल की राख बना ली है
सतगुरु काया की बन गई रेल रेलगाड़ी अजब निराली है
रेलगाड़ी अजब निराली है रेलगाड़ी अजब निराली है

Tuesday, July 20, 2021

मेरे गणपति दीन दयाल - Mere Ganpati Deen Dayal - LYRICS-

मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

मैं गंगाजी को जाऊं और वहां से जल भर लाऊं
अपने गणपति को देऊं नहलाए, बुद्धि के देने वाले
मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

मैं जंगल जंगल जाऊं वहां से चंदन घिस के लाऊं
गणपति को तिलक लगाऊं बुद्धि के देने वाले
मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

मैं बागों बागों जाऊं वहां से कलियां तोड़ के लाऊं
गणपति को हार पहनाऊं बुद्धि के देने वाले
मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

मैं बजाज दुकानियां जाऊं पीताम्बर लेे के आऊं
गणपति को दूं पहनाए बुद्धि के देने वाले
मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

मैं हलवाई दुकान जाऊं वहां से लड्डू लाऊं
गणपति को भोग लगाएं बुद्धि के देने वाले
मेरे गणपति दीन दयाल बुद्धि के देने वाले

Monday, July 19, 2021

व्रत ग्यारस का सबसे महान - Vrat Gyaras Ka Sabse Mahaan - LYRICS-

व्रत ग्यारस का सबसे महान 
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे मात पिता है
राधिके वह घर आज्ञा धाम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे सास ससुर हैं
राधिके वह घर सेवा धाम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे बहन भांजी
राधिके वह घर पुण्य समान
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे गौ की सेवा
राधिके वह घर सेवाधाम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में  राधे तुलसी की पूजा
राधिके वहां आवैं सालिग्राम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे संतों की सेवा 
राधिके वह घर तीरथ धाम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे पति की सेवा 
राधिके वह घर स्वर्ग समान
करो नित विष्णु जी का ध्यान

जिस घर में राधे सत्संग होवे 
राधिके वह घर मुक्तिधाम
करो नित विष्णु जी का ध्यान

Sunday, July 18, 2021

मैं तो भूल गई भगवान - Main To Bhool Gayi Bhagvaan - LYRICS-

मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

चार बजे उठ चकिया पीसी सारे कुनबे को रोटी बनाई
सारा कर लिया काम माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

पड़ोसन बहना आय के बैठ गई पतला बिछाय मैंने वो 
बैठा लयी इत उत की कर लई बात माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

सांझ भई और भयो अंधेरो साग बनायो रोटी बनाई
खाट बिछाई मैंने बिस्तर लगाए मेरी पड़ते ही लग गई
आंख   माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

यम के दूत जब लेने को आगे में तो खाट के नीचे 
दुबक gayi माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई
धर्मराज ने हुक्म सुनाया इस बुढ़िया को लाओ खींच
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

धर्मराज की पेशी लागी फिर मांगा है हिसाब
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

क्या तू ए खाया क्या है कमाया क्या किया पुण्य दान
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

बहुत ही खाया मैंने घना कमाया कुछ न किया पुण्य दान
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

झूठ  कभी मैंने बोली नहीं है, चुगली भी मैंने करी नहीं है
सांची कहीं है बात  माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

सास ननद मैंने कभी न सताई देवर बालक समान
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

बहू से कभी न मैंने ताले लगाए समझी अपनी बेटी समान   माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

गैर आदमी की तरफ न देखा समझा अपना पति भगवान
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई

क्या री तू करेगी माला जप के तेरे रोम रोम भगवान
माला भूल गई
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई