टीका लाया हरवा लाया लाया जेवर बहुत
सास ननद मेरी यों उठ बोलीं देखो डिब्बी खोल
नकली तो नहीं है, आंगन में बैठा दिल खोल के
भताइया आया आंगन में बैठा दिल खोल के
साड़ी लाया लहंगा लाया लाया चुनरी बहुत
देवरानी जितनी मेरी यों उठ बोली देखो डिब्बा खोल
सूती तो नहीं है, आंगन में बैठा दिल खोल के
भताइया आया आंगन में बैठा दिल खोल के
थाली लाया लोटा लाया लाया बर्तन बहुत
बालक बच्चे यों उठ बोले देखो मम्मी खोल
फूटे तो नहीं है, आंगन में बैठा दिल खोल के
भताइया आया आंगन में बैठा दिल खोल के
भैया लाया भतीजे लाया लाया भाभी बहुत
देवर मेरा यों उठ बोला देखो घूंघट खोल
कानी तो नहीं है, आंगन में बैठा दिल खोल के
भताइया आया आंगन में बैठा दिल खोल के
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