Wednesday, December 23, 2020

ये जीवन चार दिन तेरा - Ye Jeevan Chaar Din Tera - LYRICS-

ये जीवन चार दिन तेरा तू  फिर क्यों पाप करता है
जो सब सुखों का दाता है तू उसको नहीं सुमिरता है

करता है मेरा मेरी करता है हेरा फेरी
अरे बूढ़ा हो जाने पर भी तृष्णा जवां है तेरी
इसी तृष्णा के कारण ही तू मारता और जन्मता है

ये जीवन चार दिन तेरा तू  फिर क्यों पाप करता है
जो सब सुखों का दाता है तू उसको नहीं सुमिरता है

एक समय था जब तू मां के गर्भ में अटका
सर था नीचे पांव थे ऊपर नौ महीने तू लटका
सजा इतनी मिली तुझको तू फिर भी नहीं सुधरता है

ये जीवन चार दिन तेरा तू  फिर क्यों पाप करता है
जो सब सुखों का दाता है तू उसको नहीं सुमिरता है

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