हमने देखा लटों में गंगा बह रही हम भी तो डुबकी लगाने आ गए
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए
हमने देखा गले में सर्प सज रहे हैं भी तो माला पहनाने
आ गए
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए
हमने देखा हाथों में डमरू बज रहा हम भी तो ढोलक
बजाने आ गए
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए
हमने देखा अंगों में भस्मी लग रही हम भी तो बाघाम्बर
पहनाने आ गए
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए
हमने देखा बगल में गौरा बैठी हैं, हमने देखा गोदी में
गणपति बैठे हैं हम भी तो दर्शन करने आ गए
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए
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