तेरे दरबार रसिया
नई नवेली में तो ब्रज में आईं तेरी मुरलिया मेरे मन भाई
तेरे चरणों में प्रीत लगाई रसिया
तेरी मुरली पे जाऊं बलिहार रसिया
लोक लाज सब छोड़ के आईं तेरे मिलन की आस लगाई
में तो कर आई सोलह श्रृंगार रसिया
तेरी मुरली पे जाऊं बलिहार रसिया
जसुदा मैया मेरी सा लगत है बलदाऊ मेरे जेठ लगत हैं
अब तू ही तो मेरा भर्तार रसिया
तेरी मुरली पे जाऊं बलिहार रसिया
लाल चुनरिया ओढ़ के आई मोटियन से मैंने मांग सजाई
अब मेरे संग ब्याह रचा ले रसिया
तेरी मुरली पे जाऊं बलिहार रसिया
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