तेरे लिए कान्हा मैं चौकी बीछाऊंगी
चौकी बिछाऊं तेरे चरण धुलाऊंगी
माथे पे चंदन लगाऊंगी
तुम्हें जाने न दूंगी
तेरे लिए कान्हा मैं माखन खिलाऊंगी
माखन खिलाऊं मैं मिश्री खिलाऊंगी
बजाने को दूंगी बांसुरिया
तुम्हें जाने न दूंगी
मखमल का गद्दा तुम्हें सोने को दूंगी
ओढ़न को डोंगी काली कंबलिया
तुम्हें जाने न दूंगी
मेरे घर आना कान्हा चुपके से आना
तुमको लगेगी नजरिया
तुम्हें जाने न दूंगी
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