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उसमें भी आते विघ्न हज़ार
मन मेरा करता मैं गंगा नहा आऊँ
गंगा नहा आऊँ मैं यमुना नहा आऊँ
गंगा नहाते-नहाते आ गया बुखार
उसमे भी आते विघ्र हज़ार
तीन बार भोजन...
मन करता है मैं दर्शन को जाऊँ
दर्शन को जाऊ में माला जप आऊँ
माला जपते-जपते आ गये रिश्तेदार
उसमे भी आते है विग्न हज़ार
तीन बार भोजन...
मन करता है में दान कर आऊँ
दान कर आऊँ धरम कर आऊँ
बड़ा है परिवार न देता कोई धान
उसमे भी आते हैं विघ्न हज़ार
तीन बार भोजन...
मन करता है मैं कथा सुन आऊँ
कथा सुन आऊँ मैं गीता पढ़ आऊँ
गीता पढ़ते पढ़ते नीद आ आगयी कई बार
उसमे भी आते है विघ्न हजार
तीन बार भोजन...
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