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रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की डगरिया
मैं शबरी भिलनी की जाई
भजन भाव नहीं जानू रे
राम तुम्हारे दर्शन हित
मन में जीवन पालूँ रे
चरण कमल से निर्मल करदो
दासी की झोपड़िया
रामा रामा रटते रटते...
रोज़ सवेरे वन में जाकर
रास्ता साफ़ मैं करती हूँ
अपने प्रभु की खातिर वन से
चुन चुन फल में लाती हूँ
मीठे मीठे बेरों से भर
लायी रे छबरिया
रामा रामा रटते रटते...
सुन्दर श्याम सलोनी सूरत
नैना बीच बसाउंगी
पर पंकज धर मस्तक में मैं
चरणों शीश झुकाउंगी
प्रभु जी मुझको भूल गये
लो दासी की चुनरिया
रामा रामा रटते रटते...
The best bhajan of ram
ReplyDeleteYes
Deletevery nice bhajan
ReplyDeleteSuper
ReplyDeleteGood job ,I liked it
ReplyDeleteNice👍👍👍👍
ReplyDeleteBhajan
sab ulta palta hai yha se mat dekhna ye bhajan
ReplyDeleteHaa you are right
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