बना एक कांच का मंदिर उसी में भगवान रहते हैं
हाथ में कलम और कॉपी सभी का भाग लिखते हैं
लड़कपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया
बुढ़ापा देख जब रोया अरे नादान परदेसी
बना एक कांच का मंदिर...
बचपन शहद से मीठा जवानी आम से खट्ठी
बुढ़ापा नीम से कड़वा अरे नादान परदेसी
बना एक कांच का मंदिर...
दूत जब लेन को आए सुला दिया चारपाई पे
संभल कर ले चलो भाई ये रोवें बाप और माई
बना एक कांच का मंदिर...
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