तेरे दोऊ कर जोरुं हाथ संकटा में इच्छा पूर्ण करो
मैया एक सोभा मेरे बागन की जामे फूल रही फुलवार
संकटा.......
मैया एक सोभा मेरे तालों की और राजा ने बनाए चारों घाट
संकटा......
मैया एक सोभा मेरे मेहलान की जामे परे चांदनी चौक
संकटा......
मैया एक सोभा मेरे बेटन की और सब उठ चकरी कूं जाएं
संकटा...…..
मैया एक सोभा मेरी बहुएं की सब जुर मिल करें सिंगार
संकटा........
मैया एक सोभा मेरे नातिन की सब मिल जाए चटसार
संकटा........
मैया एक सोभा मेरी बेटीन की नित आंवे नित जाएं
संकटा........
मैया एक सो भा मेरे साजन की मेरो सजो रहे सिंगार
संकटा........
मैया एक सोभा मेरे चौका की जामें नित जेवें देवर जैठ
संकटा.......
मैया एक विनती तुमसे करूं मेरो तुम ही लगाओ बेड़ा पार
संकटा......
No comments:
Post a Comment