मुरली जो ली तूने हाथों में २ सरी सखियां नाचने लगी
कनहियां तेरे साथ में
झूम रहा है बृंदावन झूम रहा सारा मधुवन
झूम रही सारी धरती झूम रहा है सारा गगन
नाचे है मोर बरसातों में हां नाचे है मोर बरसाती में
सारी सखियां...
मुरली मधुर मधुर बाजे सुन सुन कर राधा नाचे
रास रचा ब्रिज में भारी नाच रहे हैं गिरधारी
बोली जो कोयल बागों में २
सारी सखियां...
मुरली तेरी ए मोहन क्या क्या खेल रचती है२
भक्त कहें जो सुन लेता उसको दीवाना बनाती
है। जादू है तेरी मीठी बातों में२
सारी सखियां...
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