जब तुम्हीं चले परदेश ये घर किसको भाएगा
ये मीठी मीठी बातें हमको कौन सुनाएगा
मछली सी बनी बैठी हूं सागर के बीच में
जब लाखों होते खाए किनारा कब आएगा
जब तुम्हीं चले परदेश ये घर किसको भाएगा
ये मीठी मीठी बातें हमको कौन सुनाएगा
हिरनी सी बनी बैठी हूं बागों के बीच में
जब फाल गया है फंडा शिकारी कब आएगा
जब तुम्हीं चले परदेश ये घर किसको भाएगा
ये मीठी मीठी बातें हमको कौन सुनाएगा
बिजली सी बनी बैठी हूं बादल के बीच में
जब छुप गया है चांद उजाला कब आएगा
जब तुम्हीं चले परदेश ये घर किसको भाएगा
ये मीठी मीठी बातें हमको कौन सुनाएगा
लाखों फूल कुमला गए इस हैं कि आग में
वो बेकली का फूल हजारा कब आएगा
जब तुम्हीं चले परदेश ये घर किसको भाएगा
ये मीठी मीठी बातें हमको कौन सुनाएगा
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