झूला झूल रही हो होंगी राधा प्यारी श्याम झूला झूलते
मिलेंगे। जरा....
मेरे बांके की बांकि है झांकी उनकी चितवन है बाँकी
कभी पहने हो पीला पीताम्बर कभी माखन चुराते मिलेंगे
जरा चलके वृंदावन देखो श्याम वंशी बजाते मिलेंगे
यहां आयी थी मीराबाई मोहन के में की वो रानी
बोली राजा से रोको न मुझको श्याम वत्सल हमारे मिलेंगे
जरा चलके वृंदावन देखो श्याम वंशी बजाते मिलेंगे
कर दो नैया अब उनके हवाले वो डुबाएं या इसको डुबाएं
वहां रटते हैं को राधे राधे वो उनको मानते मिलेंगे
जरा चलके वृंदावन देखो श्याम वंशी बजाते मिलेंगे
झूला झूल रही होंगी राधा प्यारी और मोहन झूलते मिलेंगे
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