ताड़का वन में ताड़का मारी ऋषियों की यज्ञ कराई
हमारी गली होकर के जाना
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना
गौतम नार अहिल्या तारी उसको भी नारी बनाया
हमारी गली होकर के जाना
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना
बागों बागों तुम चले जाना सीता से मिलकर जाना
हमारी गली होकर के जाना
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना
जनकपुरी में शिव धनु तोड़ा जनक लली से नाता जोड़ा
तुमने जनक का मां बढ़ाया । हमारी गली होकर के जाना
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना
सीता को ब्याह के अवधपुर आए तीनों रानी कर रही आरती । हमारी गली होकर के जाना
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना
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