हमरी सास के तीन जो बेटा, दो गोरे एक कारो वारी नन्दी
गोरे की शादी कर दयी दिल्ली से कारे को हैं ब्याह दई वारी नन्दी मैं बेला...
आगरे शहर एक लगी रे बजरिया, कारे को बेचन चल दई
वारी नन्दी, मैं बेला...
गोरे गोरे राजा को सब कोई लेवें करे को कोई नहीं लेवें
वारी नन्दी, मैं बेला...
हमरे महल एक छोटी सी कुठारिया वाई में बंद कर दये
वारी नन्दी, मैं बेला...
बारह वर्ष पीछे खोली रे कुठरिया करे से गोरे है गए
वारी नन्दी, मैं बेला...
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