न में गंगा जमुना नहाई हरि की पौड़ी का न पाई
गुरुजी मेरी मारी है तकदीर बता दो कैसे तारॉगे
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर बतादो कैसे तारोगे
न मैंने वर पीपर ही सींचे सब दिन मोह मैया में बीते
गुरुजी मैने न दिया तुलसी में नीर बता दो...
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर बतादो कैसे तारोगे
न में मंदिर तीरथ धाए न पितरों पर शीश झुकाए
गुरुजी मोय कोई बता दो तदवीर बता दो...
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर बतादो कैसे तारोगे
भूखे को जलपान दिया न निर्धन को अन दान दिया न
गुरुजी मैं तो ऐसी हुई बेचीज़ बता दो...
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर बतादो कैसे तारोगे
न मैं राधा मीराबाई न मैं सीता कर्माबाई
गुरुजी मेरी तुम है हो जागीर बता दो...
गुरुजी मेरा अवगुण भरा शरीर बतादो कैसे तारोगे
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