सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
गंगा नहाई मैं तो यमुना नहाई, गई ना गोटा लगाने से
सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
ब्याह करवाय में गौनो करवाओ, गई ना घूंघट काढ़े से
सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
छोरी भी जाई में छोड़ा भी जाए, गई ना गोद खिलाए से
सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
छोड़ा भी जाए मैने छोरी भी जाई,गई ना कन्यादान से
सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
चिन चिन लकड़ी मैने चिता बनाई, चली गई आग में
जलने से
सतगुरु चिंता बुरी बालाय बता दो जाएगी काहे से
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