पहले तो सोची मैं व्रत करूंगी पूड़ी कचौड़ी खा गई रे
जिंदगानी भजन बिन लुट गई रे
पहले तो सोची मैं भजन करूंगी ओढ़ रजाई सो गई रे
जिंदगानी भजन बिन लुट गई रे
पहले तो सोची मैं सत्संग करूंगी तेरे मेरी मैं रह गई रे
जिंदगानी भजन बिन लुट गई रे
पहले तो सोची मैं सत्संग जाऊंगी मूल ब्याज में रह गईं
जिंदगानी भजन बिन लुट गई रे
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