मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
पांच तत्व की बनी चुनरिया, में मूर्ख अभिमान पिया
मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
धोवत फिरूं दाग नहीं छूटे, तन मन धन कुर्वान पिया
मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
सतगुरु धोबी मिले सहज में दाग जिगर का साफ किया
मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
ऐसी सतगुरु रंगी चुनरिया झिलमिल झिलमिल होय पिया
मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
कहत कबीर सुनो भाई साधो भव सागर से पार किया
मेरी चुनरी में लग गया दाग पिया,दाग पिया घनश्याम पिया...
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