अरे जो भाभी तो पे किलपें नाय
तो पटवा ए खसम बना ले भौजयिया
अब रुत आयि मेरे भात की
अरे जो भाभी तो पे हरवा नाय
तो सुनरा ए खसम् बना ले भौजायिया
अब रुत आयि मेरे भात की
अरे जो भाभी तो पे चूड़ी नाय
तो मनरा ए खासम बना ले भौजयीया
अब रुत आयि मेरे भात की
अरे जो भाभी तो पे कपड़े नाय
तो दर्जी ए खासम बना ले भौजायीया
अब रुत आयि मेरे भात की
अरे जो भाभी तो पे लहंगा चोली नाय
चुनरी नाय, साड़ी नाय
तो बजजा ए खासम बना ले भौजइया
अब रुत आयि मेरे भात की
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